आखिर जापान आपदा प्रबंधन में इतना अव्वल क्यों है?


आखिर जापान आपदा प्रबंधन में इतना अव्वल क्यों है?

याद है 2011 जब जापान में सुनामी ने तबाही मचाई थी, जापान कई द्वीपों से मिलकर बना एक छोटा सा देश जहां जनसंख्या घनत्व बहुत ही अधिक है। परंतु वहां जो एक चीज है, पूरे विश्व को आकर्षित करती है वह है वहां के लोगों का समर्पण और अनुशासन जिसके दम पर जापान ने 1945 में हुए परमाणु बम के हमले को सहन किया बल्कि ऐसी ही कई विपत्तियां जापान में आती रहती है, जिससे वह जल्दी ऊभर जाते है जापान जहां स्थित है वहां भूकंप और सुनामी जैसी स्थिति आम है, जहां हर साल करीब 200 से ज्यादा भूकंप आते हैं। अधिकतर भूकंप तो रिएक्टर स्केल 6 तक की तीव्रता के भी होते हैं।कोरोना  ने जहां पूरी दुनिया में आतंक मचा रखा है, पूरी दुनिया में 8 लाख 50 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, और 40000 लोगों की मृत्यु हो गई है। अमेरिका इस महामारी का केंद्र बन गया है, जहां करीब 2 लाख लोग इस बीमारी से संक्रमित हो गए हैं, तथा 4 हजार से ज्यादा लोग मारे गए। इटली के हालात के बारे में सबको पता है, जहां करीब 12000 मौतें हो गई भारत की अगर बात करें तो यह करीब 1हजार 7 सौ लोगों को संक्रमित कर चुका है।
हालांकि जापान में भी करीब दो हजार से अधिक लोग संक्रमित हैं और 50 के करीब लोगों की मौत हो गई।



इसके हम जापान को आदर्श मान सकते हैं, क्योंकि जापान ने दुनिया को बताया है कि समस्या चाहे कितनी ही विकट क्यों ना हो अगर मिलकर और निष्ठा से उसका सामना किया जाए, तो बड़ी से बड़ी समस्या से निपटा जा सकता है। चाहे वह परमाणु बम से हुई तबाही को देखें या 2011 में आई सुनामी को। बहुत से देश ऐसे हैं जो किसी त्रासदी से वर्षों तक नहीं उभर पाते और अपने अतीत को लेकर बहाने बनाते रहते हैं, कि हमारे साथ यह हुआ वरना हम ये कर देते वो कर देते। जापान में परमाणु त्रासदी को झेलने के बाद भी आज वह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। छोटा सा देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आश्चर्य की बात है। क्योंकि बाकी देश जिसमें अमेरिका की अर्थव्यवस्था पहले नंबर पर चीन के दूसरे नंबर पर जापान तीन पर उसके बाद जर्मनी और भारत का नंबर आता है इन सभी देशों में से कुल 3 देश ऐसे हैं, जो क्षेत्रफल और जनसंख्या में सबसे ज्यादा है, चीन, भारत और अमेरिका। जापान जोकि तकनीक के क्षेत्र में पूरी दुनिया का नेतृत्व करता है, या यूं कहें कि जापान बाकी दुनिया से करीब 30 साल आगे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।



जापान का अनुशासन-
                                 पूरी दुनिया में जापान के लोग अनुशासन के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है, कि वह अपने आप में एक तीसरी दुनिया कहलाता है। अनुशासन के दम पर ही उसने इतनी तरक्की की। उदाहरण के लिए अगर हमारे देश में सरकार से कोई मांग मनवाना हो तो हम काम ठप कर देते हैं, हड़ताल कर देते हैं, धरना दे देते हैं या भारत बंद कर देते हैं परंतु यदि जापान में सरकार से कोई मांग मंगवानी हो तो जापानी लोग और अधिक काम करते हैं, और अधिक उत्पादन करते हैं, जिसे सरकार भी परेशान हो जाती है। क्योंकि ज्यादा उत्पादन होने से उसे संभालने की परेशानी हो खड़ी होती है, व सरकार को उनकी मांगे मानना पड़ती है इससे दो फायदे होते हैं जापान की अवस्था को आने वाले समय में फायदा होता है, वहीं अगर हम बंद हड़ताल जैसी चीजों में व्यस्त करते हैं तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है।

देश भक्ति और समर्पण-
                                   हमारे देश में फिलहाल बहुत से लोग समाज सेवा का काम कर रहे हैं। जिससे जितना बन रहा है दूसरों की मदद कर रहे हैं, पुलिस वाले जिनसे सब लोग डरते थे, आज वही पुलिस वाले भूखों को खाना खिला रहे देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत सी समाजसेवी संस्थाएं हैं, जो कि आगे आकर गरीब और जरूरतमंदो की मदद कर रही है 

  

ऐसे में एक और दुखद तस्वीर भी निकल कर आती है, जब लोग ऐसे में भी मानवता को तार-तार कर के अपने फायदे के बारे में सोच रहे हैं। लगभग  हर शहर की तस्वीरें है पूरे भारत में, जमाखोरों ने लूट मचा रखी है। अगर हम कहीं दुकान पर जाएंगे तो वहां दुकानदार  अधिक भाव में सामान बेच रहा है। और बहुत से व्यापारियों ने तो जमा करना शुरू कर दिया है, और उनका ऐसा मानना है कि अगर लॉक डाउन कुछ दिन और रहता है। तो वह इस सामान को महंगे दाम पर बेचेगे जिससे उन्हें बहुत मुनाफा होगा क्या यही है, हमारे देश भक्ति?



          बहुत से लोग हैं जो बेवजह घर से बाहर निकल रहे हैं उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास बिल्कुल नहीं इन लोगों की वजह से ऐसे लोग जो कि वास्तव में दूसरों की सेवा करना चाहते हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एक कहावत है, नेकी कर दरिया में डाल आजकल समय के साथ इसमें भी बदलाव आया है ना कि कल फेसबुक पर डाल व्हाट्सएप पर डाल हम गरीब को दो रोटी दे रहे हैं। लेकिन उसके साथ फोटो खिंचा कर सो जगह अपलोड कर रहे हैं क्या यह ठीक है, हमें सोचना पड़ेगा।

जापान में जब 2011 में सुनामी आई थी तो यह जापान के लिए बहुत  त्रासदी थी, परंतु उस समय किसी भी जगह लूटपाट और चोरी जैसे कोई भी घटना सामने नहीं आई थी ना वहां किसी ने कालाबाजारी की बल्कि उसने एक मानवता की एक अलग ही मिसाल पेश की थी। यही कारण था कि जापान उस त्रासदी से मात्र 2 साल में ही उभर गया। उसके पश्चात ऐसा लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं, हमें नहीं पूरे दुनिया को जापान से डिजास्टर मैनेजमेंट सीखना चाहिए। सरकार कुछ नहीं कर सकती, हम हर चीज के लिए सरकार को नहीं कोस सकते। हमें ऐसे सामाजिक परिवेश का निर्माण करना पड़ेगा, जिसमें लोग अपनी जिम्मेदारी समझें राष्ट्र के प्रति अपना फर्ज निभाए ना कि ऐसे समय में मौका परस्ती का कार्य करें। बहुत सारे  व्यापारी ऐसे हैं,जिनके  लिए इस प्रकार का समय मुनाफे से भरा होता है। और वह ऐसे समय में अधिक मुनाफा कमाने के बारे में सोचने लगते हैं । वह यह क्यों भूल जाते हैं कि जब मानवता ही खतरे में हो तो वह धन कमा कर क्या करेगा, जब उसके जीवन का भी कोई भविष्य नजर नहीं आता सोचना चाहिए हमें इन सब बातों को।और सभी व्यापारी ऐसे नहीं होते बहुत से ऐसे भी हैं, जिन्होंने मानवता दिखाइ कई व्यापारियों ने दूध के दाम कम कर दिए तो कोई सही कीमत पर अभी सामान बेच रहे हैं। 



लोग और ऐसे व्यापारी भी है, जो समाज सेवा का कार्य भी कर रहे। कोई भी धर्म जाति का हो सड़कों पर जो लोग पैदल ही अपने गंतव्य तक निकल पड़े हैं, उन्हें भोजन पानी की व्यवस्था भी लोग कर रहे हैं। कहीं ना कहीं यह तस्वीर मन को शांति पहुंचाती है और यह उन लोगों के लिए तमाचा भी है जो लोग सक्षम होते हुए भी अपने मुनाफे के बारे में सोच रहे हैं।

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